जीवन की राहों पर निकले थे अकेले हम,
क्या पता था सारी जिंदगी साथ देगा ये गम!
जीवन के हर मोड़ पर गम को अलविदा कहते,
और आगे बढ़ते हुए ख़ुशी की राह देखते!
दूर से कोई आते हुए दीखता है,
“ख़ुशी है” यह सोच दिल खिल उठता है,
पर, वह भी “गम है”, पास जाने पे साफ़ पता चलता है!
आज भी ख़ुशी की राह देखता हूँ में!
पहले तो कहीं कहीं से किरण भी आती थी,
पर अब तो चरों ओर अँधेरा ही देखता हूँ में!